Indian Army Rank List In Hindi | इंडियन आर्मी में रैंक, वर्दी और प्रतीक चिह्न से करे अधिकारी के पद की पहचान!

Post By Tanishka : September 3, 2024
Indian Army Rank List In Hindi | इंडियन आर्मी में रैंक और प्रतीक चिह्न से करे अधिकारी के पद की पहचान!
Indian Army Rank List In Hindi | इंडियन आर्मी में रैंक और प्रतीक चिह्न से करे अधिकारी के पद की पहचान!

Indian Army Rank List In Hindi: इंडियन आर्मी पद और रैंक की विस्तृत जानकारी इस आर्टिकल में बतायी गयी है जिसकी जानकारी इस पद के लिए तैयारी कर रहे उम्मीदवारों को होनी चाहिए, जो इसमें अपना करियर बनाने का सपना देख रहे हैं। भारत में सेना की ताकत और संरचना विशाल है, सेना में शामिल होना युवाओं के बीच एक लोकप्रिय विकल्प बन गया है क्योंकि इसमें कई सुविधाएँ और सम्मानजनक करियर की संभावनाएँ होती हैं.

भारतीय सेना दुनिया की टॉप 5 सेनाओ में शामिल है. जिसके अंतर्गत 16 रैंक होती है. आज इस आर्टिकल में इंडियन आर्मी पद और रैंक विस्तृत जानकारी दी गयी है, जिसे आप अंत तक जरुर पढ़े.

Indian Army Rank List

इंडियन आर्मी में कुल 16 रैंक होती है जो दुनिया के टॉप 5 सेवाओं में शामिल होती है. जिन्हें 3 श्रेणियों में विभाजित किया गया है. जिन्हें उनके रैंक के अनुसार वेतन दिया जाता है. इंडियन आर्मी केटेगरी को निम्न प्रकार से बताया गया है-

पहली श्रेणी- कमिश्नर ऑफिसर
दूसरी श्रेणी- जूनियर कमिशनर ऑफिसर
तीसरी श्रेणी- नॉन कमिश्नर ऑफिसर
Indian Army Rank List In Hindi | इंडियन आर्मी में रैंक और प्रतीक चिह्न से करे अधिकारी के पद की पहचान!
Indian Army Rank List In Hindi | इंडियन आर्मी में रैंक और प्रतीक चिह्न से करे अधिकारी के पद की पहचान!

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Commissioned Officer (कमिश्नर ऑफिसर)

1. फील्ड मार्शल (Field Marshal):

भारतीय सेना की सबसे बड़ी रैंक है। यह रैंक केवल कुछ विशिष्ट अवसरों पर ही प्रदान की जाती है और यह सेना के वरिष्ठतम पदों में से एक है।यह पद सम्मान और मान्यता के लिए दिया जाता है.यह रैंक सेना के उत्कृष्ट और प्रेरणादायक नेताओं को दिया जाता है जिन्होंने अपनी सेवाओं और नेतृत्व के द्वारा विशिष्ट योगदान दिया हो।

2. जनरल (General):

इंडियन आर्मी की सबसे बड़ी रैंक जिसे जनरल के नाम से जाना जाता है. इनकी वर्दी पर एक स्टार, क्रॉस्ड बैटन और अशोक स्तम्भ लगा हुआ होता है. इस पद पर अधिकारियों को तीन साल या  फिर 62 साल की आयु तक जनरल रैंक दिया जाता है इसके बाद इन्हें रिटायर्ड कर दिया जाता है।

3. लेफ्टिनेंट जनरल (Lieutenant General):

लेफ्टिनेंट जनरल भारतीय सशस्त्र बलों में एक उच्च रैंक है। यह रैंक मेजर जनरल के ऊपर और जनरल के नीचे आता है। सेना में इस रैंक का उद्देश्य वरिष्ठ सैन्य नेतृत्व को प्रदान करना और महत्वपूर्ण सैन्य अभियानों और रणनीतियों का प्रबंधन करना है।लेफ्टिनेंट जनरल की पहचान के लिए दोनों सोल्डरमेजर जनरल (Major general) पर अशोक स्तम्भ, बैटन और तलवार के क्रॉस लगे होते है. 60 वर्ष के आयु के बाद अधिकारियों को रिटायर्ड कर दिया जाता है.

4. मेजर जनरल (Major general):

मेजर जनरल पद ब्रिगेडियर जनरल और लेफ्टिनेंट जनरल के बीच होता है. मेजर जनरल उच्च-स्तरीय रणनीतियों को तैयार करने और उन्हें लागू करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. अधिकारियों के दोनों शोल्डर पर डंडे और कैची का क्रोस बना होता है. और साथ ही बीच में एक स्टार बना होता है. इन अधिकारियों को 58 वर्ष की आयु में रिटायर्ड किया जाता है.

5. ब्रिगेडियर (Brigadier):

ब्रिगेडियर सामान्यता एक ब्रिगेड की कमान संभालता है.ब्रिगेडियर पद को प्राप्त करने के लिए कई वर्षों का अनुभव, नेतृत्व क्षमता, और विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है.यह पद सेना में एक सम्मानजनक और चुनौतीपूर्ण भूमिका निभाता है. इसमें अधिकारियों के दोनों शोल्डर पर तीन स्टार और एक अशोक स्तम्भ लगा होता है. 56 वर्ध की सेवा के बाद इन्हें रिटायर्ड कर दिया जाता है.

6. कर्नल (Colonel):

कर्नल की रैंक इंडियन आर्मी में 5वें नंबर पर होती है.इनकी वर्दी पर अशोक स्तम्भ और दो स्टार लगे होते है. कर्नल की कोलर पर मैरून रंग का पैच लगा होता है.

7. लेफ्टिनेंट कर्नल (Lieutenant Colonel):

लेफ्टिनेंट कर्नल भारतीय सेना में एक उच्च पद का प्रतिनिधित्व करता है. रैंक कर्नल के नीचे और ब्रिगेडियर के ऊपर होती है.यह रैंक भारतीय सैन्य व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण और सम्मानजनक पद है. लेफ्टिनेंट कर्नल की यूनिफार्म के शोल्डर पर एक स्टार और अशोक स्तम्भ होता है.

8. मेजर (Major):

लेफ्टिनेंट कर्नल के बाद कर्नल की रैंक आती है. कर्नल की वर्दी के शोल्डर पर अशोक स्तम्भ के प्रतीक होते हैं जो उनकी उच्च रैंक को दर्शाते हैं। कर्नल का प्रमोशन पॉलिसी पर निर्भर करता है.

9. कैप्टन (Captain):

भारतीय सेना में कैप्टन एक महत्वपूर्ण रैंक है, कैप्टन की भूमिका में, अधिकारी विभिन्न प्रकार की जिम्मेदारियों को निभाते हैं दो साल कमीशंड ऑफिसर के पद पर काम करने के बाद कैप्टन की रैंक मिलती है. जिसमे इनकी यूनिफार्म के कंधे पर 3 स्टार लगे होते है.

10. लेफ्टिनेंट (Lieutenant):

लेफ्टिनेंट कमीशन रैंक पहला अधिकारी रैंक है। इस रैंक के अधिकारियों की वर्दी पर दो सितारे होते हैं। लेफ्टिनेंट बनने के लिए भारतीय मिलिट्री अकादमी (IMA) या ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (OTA) से प्रशिक्षण प्राप्त करना होता है, इनका प्रशिक्षण पूरा होने के बाद इन्हें लेफ्टिनेंट का रैंक दिया जाता है. बाद में इनके कार्य और अनुभव के आधार पर इनका प्रमोशन किया जाता है.

Junior Commissioned Officer (जूनियर कमिशनर ऑफिसर)

11. सूबेदार मेजर (Subedar Major):

जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) रैंक की सबसे उच्चां पद सूबेदार मेजर का होता है. इनकी वर्दी के कंधे पर एक अशोक स्तम्भ का प्रतीक होता है और निचे एक पीली तथा लाल पट्टी लगी होती है। सूबेदार मेजर लेफ्टिनेंट के रैंक से नीचे होते हैं, लेकिन वे JCO रैंक में सबसे वरिष्ठ माने जाते हैं. ये 30 साल तक काम करते है उसके बाद इन्हें रिटायर कर दिया जाता है.

12. सूबेदार (Subedaar):

सूबेदार की वर्दी पर दो सितारे लगे होते हैं और दो लाल पट्टियों के बीच एक पीली पट्टी लगी होती है. सूबेदार 28 साल तक अपनी सेवाएं देते हैं और इसके बाद वे रिटायर हो जाते हैं.

13. नायब सूबेदार (Naib Subedar):

सूबेदार के बाद नायब सूबेदार की रैंक आती है। नायब सूबेदार की वर्दी पर एक पांच सिर वाला स्टार होता है, जिसके साथ एक स्ट्रिप भी लगी होती है। इनकी सेवा की अवधि पूरी होने पर 28 साल की सेवा के बाद इन्हें रिटायरमेंट दे दिया जाता है।

Non Commissioned Officer (नॉन कमिश्नर ऑफिसर)

14. हवलदार (Havaldar):

नॉन-कमीशन अधिकारी (NCO) में हवलदार सबसे ऊंचा पद होता है। उनकी वर्दी पर लाल और पीले रंग की तीन स्ट्रिप्स लगी होती हैं, जो V आकार में होती हैं। हवलदार को 24 वर्षों की सेवा पूरी करने के बाद रिटायर कर दिया जाता है।

15. नायक (Nayak):

हवलदार के बाद नायक की रैंक आती है। नायक की वर्दी पर बाएं कंधे पर V आकार की दो स्ट्रीप्स होती हैं। नायक को 22 वर्षों की सेवा पूरी करने के बाद रिटायर किया जाता है।

16. लांस नायक (Lance Nayak):

नायक के बाद लांस नायक की रैंक आती है ये छोटा लांस नायक का होता है। इनके बाएं तरफ एक स्ट्रीप होती है। लांस नायक को 22 वर्ष तक अपनी सेवाएं पूरी करने के बाद रिटायर कर दिया जाता है.

17. सिपाही (Sipahi):

सिपाही रैंक में किसी भी प्रकार का चिन्ह या सिंबल नहीं होता है। रेजिमेंट का सिंबल ही उनकी वर्दी पर होता है. सिपाही 20 वर्ष तक अपनी सेवाए देकर रिटायर हो जाता है.

निष्कर्ष:

भारतीय सेना में विभिन्न रैंक और पदों की संरचना इस विशाल और सम्माननीय संस्था की मजबूती और विविधता को दर्शाती है। इन 16 रैंक के माध्यम से, सेना में विभिन्न स्तरों पर जिम्मेदारियों और नेतृत्व की भूमिका निर्धारित की जाती है, जो न केवल देश की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि व्यक्तिगत और पेशेवर विकास की भी संभावनाएं प्रदान करती है।

फील्ड मार्शल से लेकर सिपाही तक, प्रत्येक रैंक की अपनी विशेष भूमिका और महत्व है, और इन पदों पर सेवा करने वाले अधिकारी और जवान भारतीय सेना की ताकत और अनुशासन का प्रतीक हैं। सेना के प्रति समर्पण, नेतृत्व क्षमता, और उत्कृष्टता की भावना इस संस्था की नींव है, जो युवाओं को एक प्रेरणादायक करियर का अवसर प्रदान करती है।

इस आर्टिकल ने Indian Army Rank List In Hindi और उनके प्रतीक चिह्नों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की है, जो उम्मीदवारों को सही दिशा में मार्गदर्शन और प्रेरणा देने का प्रयास करता है। भारतीय सेना में करियर बनाने का सपना देखने वाले युवाओं के लिए, यह जानकारी अत्यंत महत्वपूर्ण है और उन्हें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगी।